असीम आकाश
Sunday 21 January 2024
सजी कैसी अवध नगरी...
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
गगनचुंबी इमारत हैं, तनी अद्भुत कनातें हैं।
बड़ी शुभदा घड़ी पावन, विराजें राम आसन पर,
पखारें पाँव प्रभुवर के, भरी जल की पराँतें हैं।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )
फोटो गूगल से साभार
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