Thursday 25 June 2015

तेरे बिना

मेरा बजूद अधूरा तेरे बिना !
मिलूँ खुद से कैसे तेरे बिना !
प्राण तो जा बसे तुझमें मेरे,
बता जीऊँ मैं कैसे तेरे बिना !

           --- सीमा ---

Monday 15 June 2015

मेरे चाँद की---

मेरे चाँद की है हर अदा निराली
देख जिसे रात भी हुई मतवाली
नजर न हटाती पल भर अपनी
करती रूप की उसके रखवाली
                  --- सीमा ---

मेरे चाँद ने अपनी दिशा बदल ली
बंद किया इधर अब आना जाना !
वो न जाने, इक झलक को उसकी
कैसे रात भर तड़पे एक दीवाना !
          --- सीमा ---

Sunday 7 June 2015

चाहत चकोर की---

चाहत चकोर की चाँद भला क्या जाने !
एक से बढ़कर एक उसके कई दीवाने !

कितनी गहरी चाहत किस परवाने की
तलबगारों से घिरी शमा क्या पहचाने !

रो रोकर वो कहे अपनी प्रणय कहानी
दिल की लगी को उसकी कोई ना जाने !

सिर धुनता हाथ मलता प्यासा रह जाता
उसे क्या खुले हों पास कितने मयखाने !

हो लेता है निहाल देख दूर से प्रिय को
चला है पगला अनन्य प्रेम की रीत निभाने !

किस सोच में खोई "सीमा" तू क्या ना जाने
भाते हैं सबको ही तितलियों के पंख सुहाने !

                       ---सीमा---

चुपके से ---

लो पास तुम्हारे चली मैं आई चुपके से !
खोलो ना दिल के द्वार अपने चुपके से !

देखो ना घर के काम मैं सारे कर आई
छुपा लो अपने पास मुझे अब चुपके से !

मुझे तो तुममें रब का नूर नजर आता है
देखूं जो तुम्हें खिसक जाते गम चुपके से !

अनथक छवि निहारतीं बावरी अँखियाँ
जाने कब आ जाती नींद उनमें चुपके से !

तनिक मूंद लो आँखें, लाज हमें आती है
हमें कहनी है दिल की बात तुम्हें चुपके से !

चाह यही बस, कभी दूर न खुद से करना
निकल जाएंगे वरना प्राण हमारे चुपके से !

                       --- सीमा ---