Friday 31 March 2023

छैल छबीला चाँद....

बैठ अटारी ताकता, दूरी नभ की फाँद।
नेह चकोरी के बँधा, छैल-छबीला चाँद।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

घिरी घटा घन साँवरी....

घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
ढूँढे  चकवा  प्रेयसी, चकवी भी  बेचैन।।

© सीमा अग्रवाल

जिगर कॉलोनी

मुरादाबाद

उपल भरी बरसात...

बेमौसम की देखकर,  उपल भरी बरसात।
गेहूँ सरसों खेत में,            रोए सारी रात।।

बरपा बारिश का कहर, फसल खड़ी तैयार।
सकते में आया कृषक,     रोता नौ-नौ धार।।

© सीमा अग्रवाल
    जिगर कॉलोनी
    मुरादाबाद (उ.प्र.)

Saturday 25 March 2023

राजनीति में आजकल....


जो जी में आए कहें, बोलें बोल कुबोल।
राजनीति में आजकल, आया कैसा झोल।।
© सीमा अग्रवाल,
जिगर कॉलोनी,
मुरादाबाद।

Friday 24 March 2023

कोयल परभृत नार...

मूर्ख बनाती काक को, कोयल परभृत नार।
अंडे उसके नीड़ रख,    खुद उड़ जाती पार।।

अंडे सेता मूढ़ बन,    कौआ मति से हीन।
उल्लू अपना साधती, कोयल छली प्रवीन।।

© सीमा अग्रवाल,
जिगर कॉलोनी,
मुरादाबाद।

Tuesday 21 March 2023

वृक्षों के उपकार....

वृक्षों के उपकार...

पाला हो या गर्म हवा हो,
या अँधियारी रात।
हर मुश्किल में अडिग खड़े ये,
सहते हर आघात।
विकट परिस्थिति आएँ कितनी,
मानें कभी न हार।

गुनो जरा तो मन में अपने,
वृक्षों के उपकार।
परहित में रत देव सरीखे,
लिए खड़े उपहार।
गरल कार्बन का पीकर ये,
करें जगत-उद्धार।

सुरक्षा-कवच वृक्ष हमारे,
ऑक्सीजन के स्रोत।
इनके होने से हम सबकी,
जलती जीवन-जोत।
रक्षक बन ये वैद्य सरीखे
करते हर उपचार।

चला कुदाली क्यों इन पर तुम,
लेते इनकी जान ?
मूढ़ ! यही तो देते जग को,
प्राण वायु का दान।
स्वार्थ लिप्त हो काट इन्हें क्यों,
करते खुद पर वार।

जीव-जंतु आश्रित सब इनपर
इनसे सकल जहान।
हमें-तुम्हें सबको ही मिलकर
रखना इनका ध्यान।
स्वस्थ रहें हम दम पर इनके
मिले पुष्ट आहार।

करें कृतज्ञता ज्ञापित अपनी,
ले रक्षा का भार।
बचे रहें हम, बचे रहें वन,
बचा रहे संसार।

© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद
"मनके मेरे मन के" से

Sunday 19 March 2023

चंद दोहे नारी पर ...

अपनी सुविधा के लिए, जोड़-तोड़ कर कर्म।
नियम पुरुष ने खुद गढ़े, कहा उन्हें फिर धर्म।।

अपराधों का आंकड़ा,  बढ़ जाता हर बार।
नर पर आश्रित नारियाँ, सहने को लाचार।।

जागो जग की नारियों, लो अपने अधिकार।
त्याग तुम्हारा ये पुरूष,    बना रहे हथियार।।

जानें समझें बेटियाँ, अपना हर अधिकार।
निज पैरों पर हों खड़ी, कहे न कोई भार।।

रहें सुरक्षित नारियाँ,  मिले उन्हें भी मान।।
लक्ष्य यही लेकर चले, मिशन शक्ति अभियान।

नवरातों में कर रहे, माता का गुणगान।
घर-घर में नारी सहे, कदम-कदम अपमान।।

वृत्ति आसुरी त्याग दो, बनो मनुष्य महान।
नारी का आदर करो, पाओ खुद भी मान।।

पीछे कहाँ अब नारी, गढ़ती नव प्रतिमान।
बना रही हर क्षेत्र में, नित नूतन पहचान।।

अब नारी के रूप में, हुआ बहुत बदलाव।
हर क्षण आगे बढ़ रही, पाँव नहीं ठहराव।।

नारी बहुत सशक्त है, दीन-हीन मत जान।
सकल सृष्टि की जननी शक्ति-पुंज महान।।

नारी नर की जननी, नारी जगत- आधार।
ये सृष्टि क्या सृष्टा भी, नारी बिन निरधार।।

नर की यह सहधर्मिणी, क्योंकर सहे अन्याय।
है समान अधिकारिणी, सुलभ इसे हो न्याय।।

चेरी नहीं ये तेरी,         गलतफहमी न पाल।
बिगड़ गयी तो सोच ले,  क्या कर देगी हाल।।

नारी अब अबला नहीं, करती डटकर वार।
अपने पैरों पर खड़ी, नहीं किसी पर भार।।

पुरुष सदा हावी रहें, चले उन्हीं का राज।
दब रह जाती बीच में, नारी की आवाज।।

© डॉ. सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

मुक्तक...

न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
खड़ी हो पैर पर अपने, प्रथम हो ध्येय नारी का।
जना ब्रह्मांड है जिसने, भला कमतर किसी से क्यों ?
करे जो मान नारी का, वही हो प्रेय नारी का।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

मुक्तक (सरसी छंद)

मुश्किल में जो देख किसी को, बनता उसकी ढाल।
किस्मत उसके नाज उठाए, चूमे उन्नत भाल।
सत्कर्मों की सबल करों से, रखता जो बुनियाद।
रहती खुशबू सदा फिजां में, करें उसे सब याद।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

Saturday 18 March 2023

कौन यहाँ बेदाग....

सबके दामन दाग है, कौन यहाँ बेदाग ?
गंगा भी मैली यहाँ, चंदा में भी दाग।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

रिश्ते तेरह तीन...

क्षणिक स्वार्थ में हो रहे, रिश्ते तेरह तीन।
कौन कभी लेकर गया, गज भर साथ जमीन।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

उसकी करो उपासना...

उसकी करो उपासना,  रँगो उसी के रंग।
जो ईश्वर का हो गया,  ईश्वर उसके संग।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

Thursday 16 March 2023

सोच रहा आदित्य...

बैठा ड्योढ़ी साँझ की, सोच रहा आदित्य।
निकट अगर अवसान हो, कौन करे आतिथ्य।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

उसकी रहमत से खिलें...

उसकी रहमत से खिलें, बंजर में भी फूल।
भ्रकुटी उसकी गर तने, चुभें सेज पर शूल।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद


बदल गए हालात....

बदल गए मानक सभी, बदल गए हालात।
अब  बातों  में  ना रही, वो पहले सी बात।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

Tuesday 14 March 2023

अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....

चकरी टोपी गेंद सब, कितने संयत गोल।
बिन पाई संभव कहाँ, ढपली ढोलक ढोल।।

शंकु बेलन वृत्त घन, होता सबमें झोल।
बिन पाई कब जानते, धरा नखत हैं गोल।।

-© सीमा अग्रवाल

जिगर कॉलोनी

मुरादाबाद

मन उसको ही पूजता....

मन उसको ही पूजता, उसको ही नित ध्याय।
मन के भीतर पैठ जो,   मन मंदिर कर जाय।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद

Monday 13 March 2023

भुला दूँ मैं भला कैसे...

तुम्हारी वे भली बातें, भुला दूँ मैं भला कैसे ?
अनूठी वे हसीं रातें,   भुला दूँ मैं भला कैसे ?
तुम्हारे साथ गुजरे पल, सदा ही याद आते हैं,
बरसती नेह-बरसातें, भुला दूँ मैं भला कैसे ?
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद (उ.प्र.)

Saturday 11 March 2023

मुक्तक...

तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
छुपाकर दूर इस जग से, रिदय के पास रक्खूँगी ।
लगी लौ नेह की तुमसे, बुझेगी क्या ज़माने से,
घुमड़ घन बन चले आना, नज़र में प्यास रक्खूँगी।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी,
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

Friday 10 March 2023

दोहा...

कान्हा तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
श्याम बरन आकर्षमय,  नाम कृष्ण सविशेष।।
- © सीमा अग्रवाल
     जिगर कॉलोनी
      मुरादाबाद

Tuesday 7 March 2023

सजन के संग होली में...

सजन के संग होली में,  खिलें सब रंग होली में।
चली आओ सभी सखियाँ,करें हुड़दंग होली में।
किसी ने भाँग खायी तो, पुता आनन किसी का है,
जिधर देखो वहीं दिखते, अजब खुशरंग होली में।
-© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

मौसम ने भी ली अँगडाई...

मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
सखा ऋतुराज रति काम संग ,खेल रहा है फाग।
मस्त आज परिवार संग सब, मुख पर सबके हास।
भंग घोटतीं सकल दिशाएँ, अद्भुत है उल्लास।
- © सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद (उ.प्र.)