Saturday 11 March 2023

मुक्तक...

तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
छुपाकर दूर इस जग से, रिदय के पास रक्खूँगी ।
लगी लौ नेह की तुमसे, बुझेगी क्या ज़माने से,
घुमड़ घन बन चले आना, नज़र में प्यास रक्खूँगी।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी,
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

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