माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
मेरे जीवन-पुष्प में, माँ खुशबू का वास।।
रंग भरे जीवन में जिसने, महकाया संसार।
पाला पोसा जानोतन से, दिया सुघड़ आकार।
खुश रही जो मेरी खुशी में, अपनी खुशी बिसार,
ममता की मूरत उस माँ पर, दूँ सर्वस्व निसार।
- © सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद