हर दिन करवा चौथ हो, हर दिन पहली रात
पुष्ट करें मन-भाव को, प्रेम भरे जज्बात।।
करवा लेकर पूजतीं, चौथ जगत की नार।
करतीं पूजा चाँद की, कर सोलह श्रंगार।।
मन से पति का ध्यान कर, छिड़कत प्रेम-पराग।
लख छवि पिय की चाँद में, माँगे अमर सुहाग।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
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