रोजगार सबको मिले, रहे आत्म सम्मान।
बनें आत्मनिर्भर सभी, हो अपनी पहचान।।
बनें योग्य सक्षम सभी, हासिल करें मुकाम।
स्वाभिमान सबमें रहे, हो न कोई गुलाम।।
उद्यम से सब काम हों, उद्यम बिन जड़ प्राण।
उद्यम को पूजा समझ, कहते वेद-पुराण।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
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