Friday 7 April 2023

आँसू की भरमार....

बड़ा असंगत आजकल, जीवन का व्यापार।
टोटा  है  मुस्कान  का,   आँसू  की  भरमार।।

सुख की सब जेबें फटीं, भरा गमों से कोष।
कमी हमारे भाग्य की, नहीं किसी का दोष।।

© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी, मुरादाबाद

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