Thursday 13 April 2023

दो दोहे...

मिली पात्रता से अधिक, पचे नहीं सौगात।
कर उतनी ही कामना, हो जितनी औकात।।

सब अपने दुख में दुखी, किसे सुनाएँ हाल।
ढोना है खुद ही हमें, अपना दुख – बेताल।।

© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी, मुरादाबाद

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