बात कलेजे से लगा, काहे पलक भिगोय ?किस्मत में जो लिख गया, छीन न सकता कोय।।मतलब के रिश्ते यहाँ, मतलब के सब मीत।लगा न इनसे मोह मन, कर ले प्रभु से प्रीत।।© सीमा अग्रवालमुरादाबाद
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