Saturday 28 October 2023

आज रात कोजागरी....

शरद पूर्णिमा पर करें,  कोजागर उपवास।
जाग्रत रहते जन जहाँ, करती लक्ष्मी वास।।

धरती  ने  धारण  किया,  मोहक  हीरक  हार ।
शीतल  नूतन  भाव का,  कन-कन  में  संचार ।।

मन-गगन  में  तुम मेरे,  चमको  बन कर चाँद ।
नयन  निमीलित  मैं करूँ,  देखूँ  गुपचुप चाँद ।।

आज रात कोजागरी,  बुझा धरा का हास।
उतरा मुखड़ा चाँद का, बना राहु का ग्रास।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

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