Friday 13 October 2023

जीवन क्या है, एक सफर है...

जीवन क्या है....

जीवन क्या हैएक सफर है
आगे क्या हो, किसे खबर है

चलें साथ सब,
हँसते  -  गाते।
बात     बनाते, 
मौज    मनाते।
मस्त मगन मन, लहर-लहर है

कदम-कदम पर,
रचे दरीचे।
गढ़ें न कंटक,
बिछे गलीचे।
कुदरत अपनी, घनी सुघर है

नजर से उसकी,
बचे न कोई।
स्वांग झूठ का,
रचे न कोई।
पल-पल की वह, रखे खबर है

बढ़ चल आगे,
आँखें मीचे।
कोई कितना,
पीछे खींचे।
लक्ष्य अनूठा, कठिन डगर है

गढ़ पथ नूतन,
छोड़ निशानी।
बाद  पीढ़ियाँ,
कहें   कहानी।
काया यश की, अजर-अमर है

कुछ भी कहते,
कहने वाले।
करके रहते,
करने वाले।
करता  काहे,     अगर-मगर है

प्रेम     बाँटता,
बढ़ चल आगे।
जोड़ जगत से,
नेहिल    धागे।
दुआ दवा सी,     करे असर है

तुझसा तू ही,
एक अकेला,
बीच साम्य ही,
करे झमेला।
क्यों ना अपनी, करे फिकर है

ढुलमुल दुनिया,
की क्यों माने।
फितरत उसकी,
कौन न जाने ?
कभी इधर तो, कभी उधर है

योद्धा पथ में
बहुत मिलेंगे।
लक्ष्य-सिद्धि में,
डटे  मिलेंगे।
समझ न इतना,  सुकर समर है

साथ वक्त के,
चले सदा जो।
नब्ज वक्त की,
पकड़ सके जो।
वक्त उसी की,     करे कदर है

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
'मनके मेरे मन के' में प्रकाशित

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