असीम आकाश
Thursday 12 October 2023
कतरा-कतरा जिंदगी...
कतरा-कतरा जिंदगी, रिसती आठों याम।
सर पर भारी बोझ है, मिले कहाँ आराम।।
खिलने से पहले सदा, मुरझे वदन-सरोज।
सिरहाने रक्खी मिलें, चिंताएँ हर रोज।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
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