शैलपुत्री मातु प्रथम, धारे हस्त त्रिशूल। भक्तन की रक्षा करे, हर ले जग के शूल।।
अर्द्ध चंद्र मस्तक फबे, कर सोहे त्रिशूल। ताप हरो माँ शैलजे, हर लो सारे शूल।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
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