गलत अगर कोई करे, करें क्षमा का दान।
राह सुझाएँ सत्य की, हो सबका कल्यान।।
बैर बैर से ना मिटे, और सघन हो जाय।
क्षमा-भाव मन से वरो, प्रेम-जलद छलकाय।।
सहनशीलता अरु क्षमा, सीख धरा से यार।
कैसे अपनी पीठ पर, ढोती जग का भार।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
फोटो गूगल से साभार
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