Saturday 24 February 2024

लो प्रभु फिर अवतार....

गोबरधनधारी, कृष्ण मुरारी, लो प्रभु फिर अवतार।
दुर्जन व्यभिचारी, अत्याचारी, बने धरा पर भार।
कराहती धरती, धीर न धरती, बढ़ते निसदिन पाप
निज चक्र उठाओ, शंख बजाओ, हरो जगत- संताप।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
फोटो गूगल से साभार

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