असीम आकाश
Friday 8 December 2023
भर-भर रोए नैन...
हंसगति छंद...
भर-भर रोए नैन, चुए परनारे।
नींद बिना बेचैन, हुए रतनारे।
खोजूँ कहाँ सुकून, कहूँ क्या किससे ?
अपने ही जब बात, करें ना मुझसे।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
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