असीम आकाश
Tuesday 7 November 2023
घटनी थी जो घट गयी....
अनहोनी होती रहे, होनी टल-टल जाय।
विधना की मरजी चले, कर लो लाख उपाय।।
घटनी थी जो घट गयी, अब क्या देना तर्क।
बाद हादसे के नहीं, पहले रहें सतर्क।।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश )
"दोहा संग्रह" से
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