Thursday 6 July 2023

एक मुक्तक

महल चिन नेह का निर्मल, सुघड़ बुनियाद रक्खूँगी।

महल चिन नेह का निर्मल, सुघड़ बुनियाद रक्खूँगी।
तरन्नुम में सदा मधुमय, सरस संवाद रक्खूँगी।
सदा ही गूँजता मन में, तराना प्रेम का अपने।
कि यादों से भरा ये दिल, सदा आबाद रक्खूँगी।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

No comments:

Post a Comment