आहत हुआ विश्वास, प्रिय नहीं आए रही अनबुझी प्यास, प्रिय नहीं आए खिल उठे सुमन, मुदित सकल उपवन आया सखि मधुमास, प्रिय नहीं आए - सीमा २४.०१.२०१७
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