कल जब न रहूँगी मैं
मुझे याद करोगे तुम
एक झलक पाने की
फरियाद करोगे तुम ?
उन्मन कभी जो होगे
मैं याद तुम्हें आऊंगी
मेरे प्यार से दिल को
आबाद करोगे तुम ?
आऊंगी याद कभी
या भुला दोगे यूँ ही
क्या गुनगुनाके मुझे
दिलशाद करोगे तुम ?
सामने रख तस्वीर
महसूसके मेरी पीर
नयनों से बैनों का
संवाद करोगे तुम ?
बतलाओ सच-सच
दिल से क्या अपने
मेरी चाहत का पंछी
आजाद करोगे तुम ?
क्या तोड़ के ये बंधन
और आगे बढ़ोगे तुम
नई और एक 'सीमा'
क्या ईजाद करोगे तुम ?
- डॉ. सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )
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