कभी आँखों में आँसू हैं, कभी अधरों पे गीत। अजब-गजब सा मीत है, निपट निराली प्रीत।।
रोऊँ ना तो क्या करूँ, किस विध धरूँ मैं धीर ! वो निर्मोही क्या जाने, मेरे प्रेमिल मन की पीर !!
- सीमा
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