Wednesday 14 September 2022

कॉलेज-गीत...

कॉलेज गीत
( गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद )

महाविद्यालय बीच शहर के, गोकुलदास महान।
खड़ा अथक  सत्तर सालों से,  बाँट रहा है ज्ञान।
गुजराती परिवार धन्य वह, किया भूमि का दान,
जागी  महत्  चेतना  मन  में,  हो  नारी-उत्थान।

भव्य अनूठा परिसर इसका,
अति  अद्भुत    विन्यास।
गौरवशाली       परंपराएँ,
स्वर्ण-खचित   इतिहास।
दूर-दूर से कन्याएँ आ, अर्जित करतीं ज्ञान।
अहा कँगूरे ! उफ नक्काशी ! अद्भुत तना वितान।

गोकुलदास महान.......

बिन श्रद्धा के ज्ञान मिले ना, 
ज्ञान बिना क्या कर्म ?
सूक्त वाक्य में विद्यालय के,
गुँथा यही है मर्म।
श्रद्धा-भाव समाहित कर्म में, देता सच्चा ज्ञान।
सूत्र यही हो ज्ञानार्जन का, जीवन का उन्वान।

गोकुलदास महान.......

साहित्य-कला-विज्ञान-संस्कृति,
सामाजिक संकाय।
विषय-मर्मज्ञा शिक्षिकाएँ,
देतीं नित निज दाय।
पाठ्येतर गतिविधियों में भी, है अपनी पहचान।
उत्तरोत्तर  बढ़ती  जाए,    इसकी  गरिमा-शान।

गोकुलदास महान.......

छात्राएँ जो पढ़ीं यहाँ से,
करें देशहित काम।
विभिन्न पदों पर हो सुशोभित,
खूब कमातीं नाम।
पलट इतिहास 'गर हम देखें, मिलें ठोस प्रमान।
हम भी इसका  मान बढ़ाएँ, आओ लें ये आन।

गोकुलदास महान.......

तेज-पुंज से दीप्त बालिका,
घर-घर करे उजास।
पुष्पित हो हर ज्ञान-बल्लरी,
फैले सरस सुवास।
बैठ सदा  आँचल में  इसके, सपने भरें  उड़ान।
युगों-युगों तक रहे जुबां पर, महिमा गौरव गान।

गोकुलदास महान......

कर्म-पथ पर हम रहें अग्रसर,
चढ़ें प्रगति-सोपान।
जीवन-मूल्यों, आदर्शों के,
गढ़ें नवल प्रतिमान।
दिग्दिगंत परचम लहराए, गुंजित हो यशगान।
कृपा रहे माँ सरस्वती की, मिले दया का दान।

गोकुलदास महान.......

- © रचनाकार डॉ. सीमा अग्रवाल
एसो0 प्रो0 एवं प्रभारी हिंदी विभाग
गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद
रचना-तिथि - 21/11/21

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