Tuesday, 22 July 2025

मुँह क्या लगना उन नंगों के...

सेंध लगा औरों के घर में घर जो अपना भरते हैं।
बाज न आते नक़बज़नी से रोज डकैती करते हैं।
मुँह क्या लगना उन नंगों के क्या ही उनका बिगड़ेगा।
अपना क्या उन पर चारा भी जो गैरों का चरते हैं।

सेंध लगाकर पर के घर में उड़ा रहे जो पर का माल।
परजीवी ऐसे जीवों का प्रभु ही जाने क्या हो हाल।
हाय न लेना कभी किसी की हमने तो यही सीखा है।
नजर गड़ाने वाला पर पर जीवन भर रहता कंगाल।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )

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