Wednesday, 30 July 2025

आज प्यासे मर गये वे...

खोदते थे नित कुआँ जो,
आज प्यासे मर गए वे।
सौंप जग को पीर अपनी,
दर्द से हर    तर गए वे।

© सीमा अग्रवाल

मुरादाबाद


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