Saturday, 12 July 2025

कैसी हो कल भोर...

पुष्प-कली-पल्लव सभी, रहें सदा गुलज़ार।
हम तो अब हैं बागवां,       जाती हुई बहार।।

धीरे-धीरे बढ़ रहे,      जाते कल की ओर।
बतलाएगा कौन अब, कैसी हो कल भोर।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)

No comments:

Post a Comment