Monday 25 August 2014

बुलंदियाँ चूमें कदम ---

बुलंदियाँ चूमें कदम ,
प्रगति - चक्र रुके नहीं ।
कामयाबी का ये सिलसिला ,
चलता रहे , चुके नहीं ।

तेजोद्दीप्त रहें सदा ,
ज्यों सूरज की तश्तरी ।
विगत के आधार पर ,
बने भविष्य संदली ।

आगम के पंथ मिलें ,
रंगोली रंग - भरे ।
सतिए - सी मंजिल पर
आप भविष्य दीप धरें ।

तन रहे स्वस्थ सदा ,
मन कभी थके नहीं ।
कामयाबी का ये सिलसिला ,
चलता रहे , चुके नहीं ।

बुलंदियाँ चूमें कदम ,
प्रगति - चक्र रुके नहीं ।

-सीमा अग्रवाल

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