Monday 25 August 2014

हाइकू

रक्षाबंधन के अवसर पर कुछ हाइकू----
आजा रे भैया
पल पल निहारूं
राह मैं तेरी ।

राह निहारे
टकटकी लगाए
आस ये जिद्दी ।

सजा आरती
लगा माथे तिलक
मैं बांधूँ राखी ।

वही बनाई
जो पसंद तुम्हें थी
मिठाई मैंने ।

तुम्हें खिला दूँ
जी भरके पहले
तभी मैं खाऊँ ।

धागे स्नेह के,
सजें कलाई पर
भाई तुम्हारी ।

मस्तक तेरा
रहे उन्नत सदा
दिपे चंदा-सा ।

रक्षा कवच
करे रक्षा तुम्हारी
बुरी बला से ।

जहाँ भी रहे
रहे तू सलामत
द्आ ये मागूँ ।

भाग्य बदले
बदले ये दुनिया
तू न बदले ।

उदास न हो
मेरी बहना प्यारी
दूर नहीं मैं ।

सदा साथ हो
बसे तुम दिल में
तन्हा कहाँ मैं ।

साथ तुम्हारे
गुजरे हैं जो पल
भुला न पाऊँ ।

वो गुजरे पल
मधुर थे कितने
मिठास बाकी ।

बिन तेरे तो
सूना घर अंगना
मेरी बहना ।

चलीं आँधियाँ
बिखर गया सुख
आँचल खाली ।

अश्कों के धारे
बह चले आँख से
रोके न रुके ।

पूर्ण खुशी से
भाई चाँद निहारे
बहन भू को ।

-सीमा अग्रवाल

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