Post published!
सोने-चाँदी से न तोल सनम…
सोने- चाँदी से न तोल सनम….
सोने- चाँदी से न तोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
प्यार में सौदा, तौबा रे तौबा
प्यार में शर्तें, तौबा रे तौबा
वणिक-सी बात न बोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
तोड़ के सारी प्यार की रस्में
साथ निभाने की सब कसमें
जीवन में विष न घोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
प्यार है पूजा, प्यार है इबादत
समझ न इसको कोई तिजारत
चले न यहाँ कोई झोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
इस राह चलना आसान नहीं
कायर का यहाँ पर मान नहीं
खुलती है कभी तो पोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
बड़े – बड़े नाज़ों से पाले
ऊँचें महलों में रहने वाले
बिक जाते यहाँ बेमोल सनम
प्यार होता है अनमोल सनम
सोने-चाँदी से न तोल सनम
-© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
“काव्यधारा” से
No comments:
Post a Comment