Tuesday 27 July 2021

मुझे याद तुम्हारी आती है....

बदली जब नभ में छाती है
धरा झूम- झूम इठलाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

इक बूँद बरस जब स्वाति की
चातक की प्यास बुझाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

चंद्र-ज्योत्स्ना आ चकोर को
ओढ़नी जब धवल उढ़ाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

मधुर स्पर्श पा रवि-करों का
कमलिनी खिल जब जाती है
मुझे याद तुम्हारी आती है

- © डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)

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