Saturday, 5 April 2025

या देवी सर्वभूतेषु...



माँ गौरी श्वेताम्बरा, चंद्रवदन अवदात।
दंत कुंद की पाँखुरी, मंद-मंद मुस्कात।।

चंद्र कुंद अरु शंख सम, शुभ्र वर्ण अम्लान।
वरमुद्रा वरदायिनी,    देती शुभता दान।।

श्वेत वृषभ आरूढ़ हो, धारे हस्त त्रिशूल।
माँ गौरी निज भक्त के, हर लेतीं हर शूल।।

महा अष्टमी पर करें, माँ गौरा का ध्यान।
संकट सारे दूर हों, मिले अभय का दान।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

फोटो गूगल से साभार

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