जय हो माँ पद्मासने, लिए गोद स्कंद।
मुखमंडल पर सोहता, रवि सा तेज अमंद।।
बुद्धि देत कुबुद्धि को, अनपढ़ को दें ज्ञान।
रखें मात स्कंद की, हर संतति का ध्यान।।
अंक विराजें मात के, बाल रूप स्कंद।
अभय दान दे भक्त को, काटें भौतिक फंद।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
फोटो गूगल से साभार
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