Tuesday, 19 November 2024

जीना है तो सीख ले...

जीना है तो सीख ले...

जीना है तो सीख ले, दुनिया की हर रीत।
दुनिया की रौ में चले, मिले उसे ही जीत।।१।।

जीना है तो सीख ले, सुख-दुख में गठजोड़।
जीवन की हर दौड़ में,    आते कितने मोड़।।२।।

जीना है तो सीख ले, जीवन की हर तोल।
किससे लेना सूद है, किसे चुकाना मोल।।३।।

जीना है तो सीख ले, जग का सा व्यवहार।
हाँ में सबकी हाँ करे,      उसका बेड़ा पार।।४।।

जीना है तो सीख ले,    ढोना अपना भार।
पर पर जो निर्भर रहे, उस नर को धिक्कार।।५।।

जीना है तो सीख ले, करना सबसे प्यार।
प्यार करे दुनिया सधे,    वरना मारामार।।६।।

जीना है तो  सीख ले, गुनना  तीनों  काल।
आयी मुश्किल सामने, भाँप सके तत्काल।।७।।

जीना है तो सीख ले,       चखना सारे स्वाद।
कब जीवन का अंत हो, क्या हो उसके बाद।।८।।

जीना है तो सीख ले, रखना जग से मेल।
किस्मत की हर मार को, खेल समझकर झेल।।९।।

जीना है तो सीख ले, आड़ी-सीधी चाल।
कब जीवन में क्या मिले, क्या हो आगे हाल।।१०।।

जीना है तो सीख ले, करना सबका मान।
जो औरों को मान दे,     पाता है सम्मान।।११।।

जीना है तो सीख ले, करना झटपट काम।
सही समय हर काम कर, फिर डटकर आराम।।१२।।

जीना है तो सीख ले, लड़नी जीवन-जंग।
अपनी पारी खेलकर, देख जगत के रंग।।१३।।

जीना है तो सीख ले, रहना हद में यार।
हदें लाँघकर जो बढ़े, निश्चित उसकी हार।।१४।।

जीना है तो सीख ले, रखना सही हिसाब।
अंत समय में कर्म की, जाती संग किताब।।१५।।

© डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.) 
साझा संग्रह 'जिंदगी का सफर" से

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