कैसी विवशता आई, खुल गयी भरी तिजोरी पाई- पाई निकल गयी जोड़ी जो चोरी- चोरी जोड़ी जो चोरी-चोरी, खुल गयी उसकी पोल मोदी जी क्या समझेंगे, गाढ़ी कमाई का मोल एक दिन की मोहलत दी न की व्यवस्था कैसी दिखाते- छुपाते ना बने, आई विवशता कैसी ! - सीमा
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