Monday 9 May 2016

कभी पास हों तो -----

सिर्फ कल्पना से मन कब तक बहले !
कभी पास हों तो, मन मन की कह ले !!

मिले रात को जो बाँहों का हार तुम्हारी !
दिन भर हर थकन मन हँसकर सह ले !!

तुम्हें सुला प्यार से खुद भी सो जाऊं !
जब जागूं तो देखूं तुम्हें मैं सबसे पहले !!

दिल की धड़कन, सांसों का स्पंदन तुम
तुम बिन जान कहो तन में कैसे रह ले !!

पाहुन आ पहुँचा है 'सीमा' दर पे तेरे !
अश्क पोंछ ले प्रेम- समन्दर में बह ले !!

- सीमा

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