Tuesday 7 October 2014

आ जाओ सनम-------

आ जाओ सनम,मेरी सेज है सूनी !
तुम बिन तुमसे हुई, प्रीत है दूनी !!

विरहानल में,जलता जीवन
अश्कों में गल, ढलता यौवन
मैं जल-जल, गल-गल मर न जाऊँ
कहे न तुमको, ये जग खूनी !
आ जाओ सनम--------

छोड़ो न यूँ तुम, साथी अपना
बने न हकीकत, फिर एक सपना
टूटे, गिर जहाँ से प्यार की मूरत
मंजिल वो ऊँची, क्या छूनी !
आ जाओ सनम---------

छोड़ो न तनहा, अरमान मेरे
अभिशाप बनें न, वरदान मेरे
बनाएगी क्या-क्या मिलकर बातें
जिह्वा जग की, बड़ी बातूनी !
आ जाओ सनम----------

बेष बनाकर जोगी वाला
हाथ में ले अश्कों की माला
पल-पल जपते नाम तुम्हारा
अरमाँ रमाने चले हैं धूनी !
आ जाओ सनम--------

आ जाओ सनम, मेरी सेज है सूनी !
तुम बिन तुमसे हुई , प्रीत है दूनी !!

-डाॅ0 सीमा अग्रवाल,
मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश )

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