Saturday, 16 August 2025

धन्य वसुदेव-देवकी...

धन्य वसुदेव-देवकी,  धन्य जसोदा-नंद।
उतरा आँगन आपके, पूर्ण कलाधर चंद।।

एक वंश - परिवार में, हुए देवकी - कंस।
एक उदर जनमे हरी, एक उदर विध्वंस।।      © सीमा
फोटोज गूगल से साभार 



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