कौन कहता है मैं अकेली हूँ कुछ यादों के संग दुकेली हूँ दुख सदा से जुड़े हैं मुझसे, मैं उनकी अंतरंग सहेली हूँ ।
मैं सबसे अलग अलबेली हूँ काँटों संग हिलमिल खेली हूँ जिसके गम का हल ना कोई, मैं एक ऐसी अबूझ पहेली हूँ । ~ सीमा
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