Wednesday 22 April 2015

जब जब ठोकर खाई मैंने

जब-जब ठोकर खाई मैंने
मुझे नया एक गीत मिला !
अश्कों के लरजते धारे में
जैसे जीवन-संगीत मिला !

क्या हुआ जो वो रूठ गया
दर्पन गर मन का टूट गया !
टूटे आइने के हर टुकड़े में
मुझे अपना मनमीत मिला !

        --- सीमा ---

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