बाल दिवस पर---
एक बाल-गीत
मशाल ज्ञान की लिए हाथ में
हम चलें प्रगति की ओर !
अथक गति भर चरणों में,
हम बढ़ें शिखर की ओर !
दें कुरूप को रूप सलोना
उजला हो घर का हर कोना
दारिद्रय मिटे,समृद्ध बनें सब
बिखरा हो कण-कण में सोना !
छोटे पर कर्मठ हाथों से
हम छू लें नभ के छोर !
सुंदर मन,सत्य समन्वित ले
हम बढ़ें शिवम् की ओर !
अग्यान तिमिर हर लें जग से
हम नन्हे नन्हे दीप !
मोती सी तरलता लिए ह्दय में
हम दमकें जैसे सीप !
जीत हार में साथ रहें हम
थामे प्रीत की डोर !
मिट जाए तम जीवन से
ले आएं ऐसी भोर !
-सीमा अग्रवाल
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