Saturday 7 January 2017

कल, आज और कल

"कल" और "कल" की इस कलकल में
कहीं "आज" भी हाथ से छूट ना जाए !

जी लो "आज" को जी भर कर आज
वो "कल" ना लौटे, वो "कल" ना आए !

- सीमा
०७-०१-२०१७

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