रोशनी पाकर सूरज से ज्यों गगन में चाँद चमकता जब तुम चमकोगे जग में मैं खुद रोशन हो जाऊंगी ।
साँझ घिरे तो छुपा लूंगी प्यार से तुम्हें आँचल में अपने भोर होते ही मिटा खुद को तुम में ओझल हो जाऊंगी
- सीमा
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