Sunday 27 September 2015

सावन-भादो चले गए----

सावन- भादो चले गए, गए गगन से बादल !
पर दो पलकों पर अब भी छाए गहन हैं बादल !
बरसती आँखें अहर्निश, छाया रहतासघनअंधेरा
क्या जानूँ कब जायेंगे इन अँखियन से बादल ! - सीमा

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