Thursday 9 July 2015

तुम्हें याद तो मेरी आती होगी

कभी तो हिचकी आती होगी !
याद मेरी तुम्हें दिलाती होगी !
कितने नाम तुम लेते होंगे,पर
नाम से मेरे रुक जाती होगी !

जब अश्कों का भार सम्हाले
नभ में घटा घिर आती होगी !
तरस तो मुझपर आता होगा
जो हाल वो मेरा बताती होगी !
        
          --- सीमा ---

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