असीम आकाश
Sunday 19 March 2023
मुक्तक...
न हो आश्रित कभी नर पर, इसी में श्रेय नारी का।
खड़ी हो पैर पर अपने, प्रथम हो ध्येय नारी का।
जना ब्रह्मांड है जिसने, भला कमतर किसी से क्यों ?
करे जो मान नारी का, वही हो प्रेय नारी का।
© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद
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