Wednesday 5 February 2020

इश्क आसान नहीं होता है...

इश्क आसान  नहीं होता है ------

मन-सीपी    याद सँजोता है
कभी हँसता   कभी रोता है
सुख चैन खुदी सब खोता है
इश्क   आसान नहीं होता है

उसकी यादें       उसकी बातें
उसके सपने        बुनती रातें
विकल मन  करता हाहाकार
मिलतीं अश्कों की    सौगातें
              हँस   भार गमों का  ढोता है
              इश्क   आसान नहीं होता है

जग से        बेगाना रहता है
खुद से       अंजाना रहता है
गुमसुम-गुमसुम खोया रहता
पर गम न किसी से कहता है
             अपने पग     कंटक बोता है
              इश्क  आसान नहीं होता है

राह इसकी   बड़ी पथरीली
चाहत भी है अति नखरीली
मन आँकता  छवि प्रिय की
रहती हरदम  आँख पनीली
              एक पल न चैन से सोता है
              इश्क आसान नहीं होता है

गम खाकर औ आँसू पीकर
जीवन का गुजारा करता है
डूबा रहता याद में प्रिय की
खुद को ही बिसारा करता है
              बड़ा अजब नज़ारा होता है
              इश्क आसान  नहीं होता है

नैन गगरिया   छलकी जाती
जीवन-बाती   घटती  जाती
छाती धड़कती फटती जाती
जिह्वा नाम बस रटती जाती
                दीदार न जब तक होता है
                इश्क आसान नहीं होता है

अंगार-सा  जलना होता है
बादल-सा बरसना होता है
बिंधता  कली-सा शूलों से
तब हार रिदय का होता है
             अश्कों में   लगाता गोता है
             इश्क आसान  नहीं होता है

पर इश्क न हो  गर जीवन में
जीने का मज़ा कहाँ आता है
प्रिय-छवि न हो गर  नैनन में
मन-पृष्ठ   कोरा  रह जाता है
            बहता छलछल नीर नयन से
            विकार सब मन का धोता है

इश्क आसान  नहीं होता है...

- डॉ.सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद (उ.प्र.)

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