आई हूँ जग में तेरी खातिर
जाऊँगी जग से तेरी खातिर
पढ़ें लिखे को चाहेे कितने
मैंने लिखा पर तेरी खातिर
हुनर न कोई लेकर मैं आई
मैंने सीखा सब तेरी खातिर
मुझ पर कितने जुल्म हुए
हँसके सहे सब तेरी खातिर
हर एक बंधन ठुकराया मैंने
लाँघी हर सीमा तेरी खातिर
कुछ भी अर्थ निकाले कोई
जीवन ये मेरा तेरी खातिर
विष का प्याला मिला मुझे
मैंने पिया पर तेरी खातिर
मूक नहीं थी रसना ये मेरी
सी ली पर मैंने तेरी खातिर
कर्ज है तेरा मुझ पर भारी
मैंने पाया जो भी तेरी खातिर
किस्मत हो चाहे कितनी शातिर
बदलेगी एक दिन मेरी खातिर
- सीमा
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