Monday 15 June 2015

मेरे चाँद की---

मेरे चाँद की है हर अदा निराली
देख जिसे रात भी हुई मतवाली
नजर न हटाती पल भर अपनी
करती रूप की उसके रखवाली
                  --- सीमा ---

मेरे चाँद ने अपनी दिशा बदल ली
बंद किया इधर अब आना जाना !
वो न जाने, इक झलक को उसकी
कैसे रात भर तड़पे एक दीवाना !
          --- सीमा ---

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